
नई दिल्ली, 9 मई 2025: भारतीय विदेश मंत्रालय ने आज सुबह ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक सैन्य कार्रवाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्री, भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हिस्सा लिया।
पहलगाम हमले का जवाब: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादियों ने पर्यटकों पर बर्बर हमला किया, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान गई। यह 26/11 मुंबई हमले के बाद सबसे घातक आतंकी घटना थी। ऑपरेशन सिंदूर इस हमले का जवाब है, जिसका उद्देश्य आतंकवाद की रीढ़ तोड़ना और जम्मू-कश्मीर में शांति को बाधित करने की साजिश को नाकाम करना था।”
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी: कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि 6-7 मई की रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने समन्वित कार्रवाई के तहत पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इनमें लाहौर, बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, कोटली और अन्य स्थानों पर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने शामिल थे। इस कार्रवाई में 70-100 आतंकवादी मारे गए, जिसमें जैश प्रमुख मसूद अजहर के कई रिश्तेदार भी शामिल थे।
पाकिस्तान के हमलों का जवाब: विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट और उधमपुर में ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने इन्हें विफल कर दिया। उन्होंने कहा, “हमारी कार्रवाई सटीक और केवल आतंकी ठिकानों तक सीमित थी। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।”
अंतरराष्ट्रीय समर्थन: विदेश सचिव मिस्री ने बताया कि भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, यूएई और रूस सहित 13 देशों के राजदूतों को ऑपरेशन की जानकारी दी। अमेरिका और इजरायल ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से आतंकवाद पर कार्रवाई की मांग की।
पाकिस्तान को चेतावनी: मिस्री ने कहा, “पहलगाम हमले का असली बढ़ाव 22 अप्रैल को पाकिस्तान ने शुरू किया था। हमने केवल जवाबी कार्रवाई की है। अगर पाकिस्तान तनाव बढ़ाने की कोशिश करेगा, तो भारत इसका उचित जवाब देगा।”
राजनीतिक एकजुटता: प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारत में सभी राजनीतिक दलों ने सरकार का समर्थन किया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य दलों ने आतंकवाद के खिलाफ इस कार्रवाई को सराहा।
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत को भी प्रदर्शित किया। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख जारी रखेगा।