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JNU छात्रसंघ चुनाव 2025: नीतीश कुमार (AISA) अध्यक्ष, मनीषा और मुंतेहा (DSF) ने भी दर्ज की जीत
नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2025: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्रसंघ चुनाव 2025 के परिणाम घोषित हो गए हैं। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है, जबकि डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (DSF) की मनीषा उपाध्यक्ष और मुंतेहा फातिमा महासचिव चुनी गई हैं। यह चुनाव JNU कैंपस में छात्र राजनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह पिछले कुछ वर्षों में सबसे अधिक चर्चित और प्रतिस्पर्धी रहा।

चुनाव परिणाम का विवरण
• अध्यक्ष: नीतीश कुमार (AISA) ने 2317 वोटों के साथ जीत दर्ज की। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के उम्मीदवार को 1765 वोट मिले।

• उपाध्यक्ष: मनीषा (DSF) ने 1984 वोटों के साथ यह पद हासिल किया, जबकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के उम्मीदवार को 1650 वोट मिले।

•महासचिव: मुंतेहा फातिमा (DSF) ने 2106 वोटों के साथ जीत हासिल की, जो ABVP के उम्मीदवार से 342 वोटों से आगे रहीं।

•संयुक्त सचिव: SFI के एक उम्मीदवार ने यह पद जीता, जिसके लिए गठबंधन के बीच सहमति थी।

चुनाव की पृष्ठभूमि

JNU छात्रसंघ चुनाव 22 अप्रैल 2025 को हुए, जिसमें कुल 73% मतदान दर्ज किया गया। यह चुनाव इसलिए भी खास था क्योंकि यह चार साल बाद आयोजित हुआ, और इस दौरान कैंपस में कई मुद्दों जैसे फीस वृद्धि, छात्रवृत्ति, और कैंपस सुरक्षा को लेकर तीखी बहस देखी गई। AISA, DSF, SFI और ABVP जैसे संगठनों ने अपने-अपने मुद्दों को लेकर जोरदार प्रचार किया।

वामपंथी संगठनों का दबदबा

इस बार भी वामपंथी संगठनों (AISA, DSF, SFI) ने मिलकर चार में से तीन प्रमुख पदों पर कब्जा जमाया। नीतीश कुमार ने अपनी जीत को “छात्रों के अधिकारों और सामाजिक न्याय की जीत” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह जीत JNU की उस परंपरा को दर्शाती है, जो हमेशा से अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती रही है।” वहीं, DSF की मनीषा और मुंतेहा फातिमा ने कैंपस में लैंगिक समानता और समावेशी नीतियों को बढ़ावा देने का वादा किया।

ABVP की प्रतिक्रिया

ABVP ने परिणामों पर निराशा जताते हुए दावा किया कि वामपंथी संगठनों ने “गलत प्रचार” के जरिए वोट हासिल किए। ABVP के एक नेता ने कहा, “हम हार नहीं माने हैं। हम छात्रों के हितों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।” संगठन ने कुछ मतगणना प्रक्रियाओं पर भी सवाल उठाए, जिसे चुनाव समिति ने खारिज कर दिया।

छात्रों की प्रतिक्रिया

JNU कैंपस में परिणामों के बाद उत्साह का माहौल देखा गया। कई छात्रों ने इसे “वैचारिक जीत” बताया, जबकि कुछ ने नए नेतृत्व से कैंपस की समस्याओं, जैसे हॉस्टल सुविधाओं और शैक्षणिक संसाधनों, को हल करने की उम्मीद जताई।

आगे की राह

नवनिर्वाचित छात्रसंघ अब विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा शुरू करेगा। विशेष रूप से, फीस वृद्धि को वापस लेने, छात्रवृत्ति राशि बढ़ाने, और कैंपस में सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांगें प्राथमिकता में रहेंगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर JNU छात्रसंघ की सक्रियता भी चर्चा में रहेगी।

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